दिल्ली के पांडव नगर इलाके में बीते दिनों चार वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के विरोध में रविवार को रामलीला पार्क में महापंचायत हुई। इसमें आरोपी को फांसी की सजा दिलाने, घटना की सीबीआई से जांच कराने, परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने सहित लोगों ने कई मांगें रखी।
महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए कई संगठनों के अलावा हजारों की संख्या में दूर-दराज के इलाकों से लोग पहुंचे थे। गुड़िया न्याय संघर्ष अभियान समिति की ओर से महापंचायत का आह्वान किया गया था। इस दौरान पंचायत स्थल के आसपास के इलाकों की सभी दुकानें बंद रहीं। गलियों के बाहर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी थी और सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। ड्रोन से भी नजर रखी जा रही थी।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। आक्रोशित लोगों ने जोश में आकर महापंचायत शुरू होने से पहले विवादित नारेबाजी भी की। बता दें कि महापंचायत को सुनने और देखने के लिए लोग अपने घरों की छतों पर चढ़े हुए थे। साथ ही बड़ी तादाद में महिलाएं भी पहुंची हुई थीं।
महापंचायत में आए लोग आरोपी के घर की ओर जाने की जिद पर अड़े थे, लेकिन पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर रखी थी। किसी को भी जाने की इजाजत नहीं थी। पुलिस ने समझाकर लोगों को रामलीला पार्क में जाकर रोष व्यक्त करने के लिए कहा। उधर, गुड़िया न्याय संघर्ष अभियान समिति की अध्यक्ष आरती सिंह ने कहा कि आस-पड़ोस में आए दिन इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। बच्चियों की सुरक्षा हम सब की जिम्मेदारी है। इस मामले में एक आरोपी नहीं है। परिवार के खिलाफ अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। एफआईआर को सार्वजनिक नहीं किया।
आरती सिंह ने कहा कि आरोपी की गली में प्रशासन और पुलिस का पहरा है, जबकि पीड़ित बच्ची की गली में कोई पुलिसकर्मी नहीं है। पुलिस आखिर किसको बचा रही है। इस पंचायत का उद्देश्य सबकी आंखे खोलना है। महापंचायत में वक्ताओं ने कहा कि बच्ची के परिवार के आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं। पुलिस की मदद से बच्ची का इलाज चल रहा है।
पीड़ित के दादा ने कहा कि बच्ची अब स्वस्थ है। चिंता की कोई बात नहीं है। यह घटना किसी और के साथ नहीं होनी चाहिए। महापंचायत में हिस्सा लेने पहुंचे लोगों ने कहा कि दुष्कर्म के आरोपी को चौराहे पर फांसी की सजा देने की जरूरत है।